पब्लिक में ज़रा हाथ मिला लीजिए मुझ से By Sher << मुँह ज़र्द ओ आह-ए-सर्द ओ ... जो न समझे नासेहो फिर उस क... >> पब्लिक में ज़रा हाथ मिला लीजिए मुझ से साहब मिरे ईमान की क़ीमत है तो ये है Share on: