प्यार के बंधन ख़ून के रिश्ते टूट गए ख़्वाबों की तरह By Sher << तुम्हारे दर से उठाए गए मल... ग़म नैरंग दिखाता है हस्ती... >> प्यार के बंधन ख़ून के रिश्ते टूट गए ख़्वाबों की तरह जागती आँखें देख रही थीं क्या क्या कारोबार हुए Share on: