तुम्हारे दर से उठाए गए मलाल नहीं By Sher << गिरा था बोझ कोई सर से मेर... प्यार के बंधन ख़ून के रिश... >> तुम्हारे दर से उठाए गए मलाल नहीं वहाँ तो छोड़ के आए हैं हम ग़ुबार अपना Share on: