गिर्या तो 'क़ाएम' थमा मिज़्गाँ अभी होंगे न ख़ुश्क By Sher << हर दम आने से मैं भी हूँ न... ग़ैर से मिलना तुम्हारा सु... >> गिर्या तो 'क़ाएम' थमा मिज़्गाँ अभी होंगे न ख़ुश्क देर तक टपकेंगे बाराँ के शजर भीगे हुए Share on: