मय की तौबा को तो मुद्दत हुई 'क़ाएम' लेकिन By Sher << मय पी जो चाहे आतिश-ए-दोज़... लगाई आग पानी में ये किस क... >> मय की तौबा को तो मुद्दत हुई 'क़ाएम' लेकिन बे-तलब अब भी जो मिल जाए तो इंकार नहीं Share on: