मिरी नज़र में है 'क़ाएम' ये काएनात तमाम By Sher << मुझ बे-गुनह के क़त्ल का आ... मस्जिद से गर तू शैख़ निका... >> मिरी नज़र में है 'क़ाएम' ये काएनात तमाम नज़र में गो कोई लाता नहीं है याँ मुझ को Share on: