रात इक नादार का घर जल गया था और बस By Sher << शरीक-ए-दर्द नहीं जब कोई त... क़रीब से उसे देखो तो वो भ... >> रात इक नादार का घर जल गया था और बस लोग तो बे-वज्ह सन्नाटे से घबराने लगे Share on: