रहना था उस के साथ बहुत देर तक मगर By Sher << वजूद-ए-ज़न से है तस्वीर-ए... माज़ी के समुंदर में अक्सर... >> रहना था उस के साथ बहुत देर तक मगर इन रोज़ ओ शब में मुझ को ये फ़ुर्सत नहीं मिली Share on: