वजूद-ए-ज़न से है तस्वीर-ए-काएनात में रंग By Sher << मुझ से क्या बात लिखानी है... रहना था उस के साथ बहुत दे... >> वजूद-ए-ज़न से है तस्वीर-ए-काएनात में रंग इसी के साज़ से है ज़िंदगी का सोज़-ए-दरूँ Share on: