रख़्त-ए-सफ़र जो पास हमारे न था तो क्या By Sher << तिरे तसव्वुर की धूप ओढ़े ... उसे भी जाते हुए तुम ने मु... >> रख़्त-ए-सफ़र जो पास हमारे न था तो क्या शौक़-ए-सफ़र को साथ लिया और चल पड़े Share on: