उसे भी जाते हुए तुम ने मुझ से छीन लिया By Sher << रख़्त-ए-सफ़र जो पास हमारे... मुझे अपने रूप की धूप दो क... >> उसे भी जाते हुए तुम ने मुझ से छीन लिया तुम्हारा ग़म तो मिरी आरज़ू का ज़ेवर था Share on: