रक़ीब दोनों जहाँ में ज़लील क्यूँ होता By Sher << हर एक शाख़ थी लर्ज़ां फ़ज... कितने चेहरे लगे हैं चेहरो... >> रक़ीब दोनों जहाँ में ज़लील क्यूँ होता किसी के बीच में कम-बख़्त अगर नहीं आता Share on: