रक्खी हुई है दोनों की बुनियाद रेत पर By सहरा, समुंदर, Sher << ये क्या कि हर वक़्त जी-हु... महसूस कर रहा हूँ ख़ारों म... >> रक्खी हुई है दोनों की बुनियाद रेत पर सहरा-ए-बे-कराँ को समुंदर लिखेंगे हम Share on: