रस्ते में मिल गया तो शरीक-ए-सफ़र न जान By Sher << सितारों से भरा ये आसमाँ क... रेख़्ता के क़स्र की बुनिय... >> रस्ते में मिल गया तो शरीक-ए-सफ़र न जान जो छाँव मेहरबाँ हो उसे अपना घर न जान Share on: