रेख़्ता के क़स्र की बुनियाद उठाई ऐ 'नसीर' By Sher << रस्ते में मिल गया तो शरीक... एक दिल है कि नहीं दर्द से... >> रेख़्ता के क़स्र की बुनियाद उठाई ऐ 'नसीर' काम है मुल्क-ए-सुख़न में साहिब-ए-मक़्दूर का Share on: