रात आँगन में चाँद उतरा था By Sher << बहुत मुज़िर दिल-ए-आशिक़ क... फैले हैं सारे शहर में क़ि... >> रात आँगन में चाँद उतरा था तुम मिले थे कि ख़्वाब देखा था Share on: