आगे कुछ बढ़ कर मिलेगी मस्जिद-ए-जामे 'रियाज़' By Sher << तुझे मैं ग़ौर से देखूँ मै... हमारी राह से पत्थर उठा कर... >> आगे कुछ बढ़ कर मिलेगी मस्जिद-ए-जामे 'रियाज़' इक ज़रा मुड़ जाइएगा मय-कदे के दर से आप Share on: