तुझे मैं ग़ौर से देखूँ मैं तुझ से प्यार करूँ By Sher << शाख़-दर-शाख़ होती है ज़ख़... आगे कुछ बढ़ कर मिलेगी मस्... >> तुझे मैं ग़ौर से देखूँ मैं तुझ से प्यार करूँ ऐ मेरे बुत तू मिरे बुत-कदों से बाहर आ Share on: