रोज़ हम जलती हुई रेत पे चलते ही न थे By Sher << तुम तो ठुकरा कर गुज़र जाओ... बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे >> रोज़ हम जलती हुई रेत पे चलते ही न थे हम ने साए में खजूरों के भी आराम किया Share on: