बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे By Sher << रोज़ हम जलती हुई रेत पे च... दो किनारे हों तो सैल-ए-ज़... >> बहाना कोई तो ऐ ज़िंदगी दे कि जीने के लिए मजबूर हो जाऊँ Share on: