रोता हूँ मैं तसव्वुर-ए-ज़ुल्फ़-ए-सियाह में By Sher << साफ़ क्या हो सोहबत-ए-ज़ाह... आस क्या अब तो उम्मीद-ए-ना... >> रोता हूँ मैं तसव्वुर-ए-ज़ुल्फ़-ए-सियाह में पानी बरस रहा है जमे हैं घटा के रंग Share on: