रोती आँखों को हँसाने का हुनर ले के चलो By Sher << खुलती हैं आसमाँ में समुंद... अब नज़अ का आलम है मुझ पर ... >> रोती आँखों को हँसाने का हुनर ले के चलो घर से निकलो तो ये सामान-ए-सफ़र ले के चलो Share on: