अब नज़अ का आलम है मुझ पर तुम अपनी मोहब्बत वापस लो By Sher << रोती आँखों को हँसाने का ह... जिस में न कोई रंग न आहंग ... >> अब नज़अ का आलम है मुझ पर तुम अपनी मोहब्बत वापस लो जब कश्ती डूबने लगती है तो बोझ उतारा करते हैं my end is now upon me, take back your for when a ship is sinking, the burden is removed Share on: