सब के लिए जहान में अब्र-ए-करम हैं वो By Sher << निगाह-ए-यार मिल जाती तो ह... जोश-ए-जुनूँ में लुत्फ़-ए-... >> सब के लिए जहान में अब्र-ए-करम हैं वो चारों तरफ़ बरसते हैं इक बूँद इधर नहीं Share on: