सब मिरे दिल पे करम उस निगह-ए-नाज़ का है By Sher << वो इक लम्हा जो तेरे क़ुर्... मिरे कमरे की दीवारों में ... >> सब मिरे दिल पे करम उस निगह-ए-नाज़ का है बे-क़रारी है मिरी और न सुकूँ है मेरा Share on: