वो इक लम्हा जो तेरे क़ुर्ब की ख़ुशबू से है रौशन By Sher << वो मेरे राज़ मुझ में चाहत... सब मिरे दिल पे करम उस निग... >> वो इक लम्हा जो तेरे क़ुर्ब की ख़ुशबू से है रौशन अब इस लम्हे को पाबंद-ए-सलासिल चाहता हूँ मैं Share on: