सबब हर एक मुझ से पूछता है मेरे रोने का By Sher << सैकड़ों और भी दुनिया में ... सब हवाएँ ले गया मेरे समुं... >> सबब हर एक मुझ से पूछता है मेरे रोने का इलाही सारी दुनिया को मैं क्यूँकर राज़-दाँ कर लूँ Share on: