सच पूछिए तो नाला-ए-बुलबुल है बे-ख़ता By Sher << पुर हूँ मैं शिकवे से यूँ ... जिस्म ने रूह-ए-रवाँ से ये... >> सच पूछिए तो नाला-ए-बुलबुल है बे-ख़ता फूलों में सारी आग लगाई सबा की है Share on: