सहरा की अब हवा जो लगी हो गया हिरन By Sher << क़ैद-ए-हयात ओ बंद-ए-ग़म अ... जिस्म-ए-ख़ाकी को बनाया ला... >> सहरा की अब हवा जो लगी हो गया हिरन मजनूँ के बस का नाक़ा-ए-लैला नहीं रहा Share on: