सज्दा हो बे-ख़ुलूस तो सज्दा भी है गुनाह By Sher << सख़्तियाँ बढ़ रहीं हैं आल... सैकड़ों और भी दुनिया में ... >> सज्दा हो बे-ख़ुलूस तो सज्दा भी है गुनाह लग़्ज़िश में हो ख़ुलूस तो लग़्ज़िश नमाज़ है Share on: