साक़िया! याँ लग रहा है चल-चलाव By Sher << शम्अ के मानिंद हम इस बज़्... साक़ी मिरे भी दिल की तरफ़... >> साक़िया! याँ लग रहा है चल-चलाव जब तलक बस चल सके साग़र चले Share on: