जो मिरी रियाज़त-ए-नीम-शब को 'सलीम' सुब्ह न मिल सकी By Sher << मय-कदे को जा के देख आऊँ य... आता नहीं समझ में कि कहते ... >> जो मिरी रियाज़त-ए-नीम-शब को 'सलीम' सुब्ह न मिल सकी तो फिर इस के मअ'नी तो ये हुए कि यहाँ ख़ुदा कोई और है if for my midnight prayers, saliim, a dawn there shall never be then it means that in this world there is a god other than thee Share on: