समझ सको तो समझ लो मिरी निगाहों से By Sher << समझने ही नहीं देती सियासत... सख़्तियाँ बढ़ रहीं हैं आल... >> समझ सको तो समझ लो मिरी निगाहों से कि दिल की बात ज़बाँ से कही नहीं जाती Share on: