सर सलामत लिए लौट आए गली से उस की By Sher << शुस्ता ज़बाँ शगुफ़्ता बया... सख़्त तकलीफ़ उठाई है तुझे... >> सर सलामत लिए लौट आए गली से उस की यार ने हम को कोई ढंग की ख़िदमत नहीं दी Share on: