सर्द ठिठुरी हुई लिपटी हुई सरसर की तरह By Sher << तिरे भुलाने में मेरा क़ुस... क़याम करता हूँ अक्सर मैं ... >> सर्द ठिठुरी हुई लिपटी हुई सरसर की तरह ज़िंदगी मुझ से मिली पिछले दिसम्बर की तरह Share on: