'सौदा' जहाँ में आ के कोई कुछ न ले गया By Sher << कुछ न था मेरे पास खोने को क़यामत है तिरी उठती जवानी >> 'सौदा' जहाँ में आ के कोई कुछ न ले गया जाता हूँ एक मैं दिल-ए-पुर-आरज़ू लिए Share on: