सवाद-ए-हिज्र में रक्खा हुआ दिया हूँ मैं By Sher << इक ऐसा वक़्त भी सहरा में ... ऐ सबा चलती है क्यूँ इस दर... >> सवाद-ए-हिज्र में रक्खा हुआ दिया हूँ मैं तुझे ख़बर नहीं किस आग में जला हूँ मैं Share on: