'अर्शिया-हक़' के परस्तारों में हो By Sher << गले से लगते ही जितने गिले... अक्स-ए-ज़ुल्फ़-ए-रवाँ नही... >> 'अर्शिया-हक़' के परस्तारों में हो तुम भी काफ़िर हो गुनहगारों में हो Share on: