बला की हुस्न-वर है 'अर्शिया-हक़' By Sher << हुजूम-ए-गुल में रहे हम हज... और कुछ यूँ हुआ कि बच्चों ... >> बला की हुस्न-वर है 'अर्शिया-हक़' हसद रखती हैं सब जन्नत की हूरें Share on: