शबाब हो कि न हो हुस्न-ए-यार बाक़ी है By Sher << रहमत अगर क़ुबूल करे क्या ... जो शम्अ है काबे की वही नू... >> शबाब हो कि न हो हुस्न-ए-यार बाक़ी है यहाँ कोई भी हो मौसम बहार बाक़ी है Share on: