शदीद धूप में सारे दरख़्त सूख गए By Sher << दिल-दुखे रोए हैं शायद इस ... कहाँ जाती हैं बारिश की दु... >> शदीद धूप में सारे दरख़्त सूख गए बस इक दुआ का शजर था जो बे-समर न हुआ Share on: