अपने ख़ूँ का उन पे क्यूँ दा'वा किया By Sher << रहती है शब-ओ-रोज़ में बार... नाम को भी न किसी आँख से आ... >> अपने ख़ूँ का उन पे क्यूँ दा'वा किया ऐ दिल-ए-नादाँ ये तू ने क्या किया Share on: