आ के सलासिल ऐ जुनूँ क्यूँ न क़दम ले ब'अद-ए-क़ैस By Sher << बिस्तर-ए-ख़ाक पे बैठा हूँ... रस्ते में कोई पेड़ जो मिल... >> आ के सलासिल ऐ जुनूँ क्यूँ न क़दम ले ब'अद-ए-क़ैस उस का भी हम ने सिलसिला अज़-सर-ए-नौ बपा किया Share on: