शहर का मंज़र हमारे घर के पस-ए-मंज़र में है By Sher << शहर में जीना है चलना दो-र... सामने झील है झील में आसमा... >> शहर का मंज़र हमारे घर के पस-ए-मंज़र में है अब उधर भी अजनबी चेहरे नज़र आने लगे Share on: