शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए By Sher << ये तमाशा दीदनी ठहरा मगर द... कुछ तो मैं भी डरा डरा सा ... >> शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए ऐसी गर्मी है कि पीले फूल काले पड़ गए Share on: