ये तमाशा दीदनी ठहरा मगर देखेगा कौन By Sher << ख़्वाब मेरा है ऐन बेदारी शहर क्या देखें कि हर मंज़... >> ये तमाशा दीदनी ठहरा मगर देखेगा कौन हो गए हम राख तो दस्त-ए-दुआ रौशन हुआ Share on: