बहुत शोर था जब समाअ'त गई By Sher << घर की वीरानी को क्या रोऊँ... मुझ को ये आरज़ू वो उठाएँ ... >> बहुत शोर था जब समाअ'त गई बहुत भीड़ थी जब अकेले हुए Share on: