शैख़ करता तो है मस्जिद में ख़ुदा को सज्दे By Sher << है यूँ कि कुछ तो बग़ावत-स... आँखें जो उठाए तो मोहब्बत ... >> शैख़ करता तो है मस्जिद में ख़ुदा को सज्दे उस के सज्दों में असर हो ये ज़रूरी तो नहीं in mosques the priest does often kneel and pray that to his pleading god consent, it need not be Share on: