जब हुए 'हातिम' हम उस से आश्ना By Sher << मैं तो जब मानूँ मिरी तौबा... ख़ुद ही तस्वीर बनाता हूँ ... >> जब हुए 'हातिम' हम उस से आश्ना दोस्त भी दुश्मन हमारे हो गए Share on: