गुलशन-ए-दहर में सौ रंग हैं 'हातिम' उस के By Sher << तेज़ धूप में आई ऐसी लहर स... सफ़र दुनिया से करना क्या ... >> गुलशन-ए-दहर में सौ रंग हैं 'हातिम' उस के वो कहीं गुल है कहीं बू है कहीं बूटा है Share on: